नवरात्र और रामनवमी के बारे मे जानकारी। Fact Vatika

नवरात्र और रामनवमी के महत्व|| Navratri Aur Ramnavmi || Fact Vatika 

नवरात्रि और रामनवमी का त्योहार हिन्दुओ का एक पवित्र और पावन त्योहार है,  इसमें माँ दुर्गा के सभी नौ स्वरूपों का पूजा किया जाता है, और लोग इसमें वर्त भी रखते है,  आगे इस आर्टिकल हम लोग इनके बारे मे विस्तार से जानेंगे। 

सनातन धर्म के अनुसार चैत्र मास की नवरात्र का विशेष महत्व माना जाता है जो की शुक्ल पक्ष के आठवें दिन से शुरू होती है और रामनवमी के दिन तक मनाई जाती है।

नवरात्रि और रामनवमी के महत्व 

आइए Fact Vatika💡में चैत्र मास की नवरात्र और रामनवमी का महत्व को विस्तार से समझते हैं


• धार्मिक महत्वानुसार- इस नवरात्र में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-वंदना व स्तुति स्त्री स्वरूप में की जाती है और विशेष धार्मिक अनुष्ठान के साथ मनाया जाता है।

• सामाजिक महत्वानुसार- इसका प्रचलन द्वापर युग के राजा दशरथ के कल से माना जाता है जिसने संतान प्राप्ति और सुख, संपत्ति के लिए मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा अर्चना किए।

इस त्यौहार में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों (मां शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारी, मां चंद्रघंटा, मां कुष्मांडा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी, और मां सिद्धिदात्री) की क्रमानुसार नौ दिनों तक पूजा अर्चना की जाती है।


अब मां दुर्गा के इन 9 स्वरूपों के इतिहास व स्तुति के बारे में समझते हैं:-

1. ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः- मां दुर्गा के सभी स्वरूपों में सबसे पहले स्वरूप शैलपुत्री जी का माना जाता है। शैलपुत्री का शाब्दिक अर्थ पर्वत-पुत्री है। मां पार्वती ने सती के स्वरूप के बाद हिमालय के राजा हिमावत के घर जन्म लिया था, जिन्हें अखंड सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। 

नवरात्रि का पहला दिन:- माता शैलपुत्री 


2. ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः- माता का दूसरा स्वरूप ब्रह्मचारिणी का अर्थ ब्रह्म(तपस्या)प्राप्त करने का चारिणी (आचरण रखने वाली)। मां भगवती का यह स्वरूप राज हिमावत के दूसरी पुत्री के रूप में माना जाता है, जो महर्षि नारद के उपदेशानुसार शिव जी को पति स्वरुप में प्राप्त करने के लिए तपस्या में लग गईं, इन्हें सदाचार, तप व वैराग्य का प्रतीक माना जाता है।

नवरात्रि का दूसरा दिन:- माता ब्रह्मचारिणी 


3. ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः- माता के इस तीसरे स्वरुप चंद्रघंटा का अर्थ दस भुजाओं वाली दुर्गा जिनके मुकुट पर गंटी के आकार का अर्ध चंद्रमा है, जो दैत्यों के आतंक को स्वर्ग से खत्म करने के लिए माना जाता है। इन्हें शांति, समृद्धि और आध्यात्मिक शक्ति का पत्रिक माना जाता है।

नवरात्रि का तीसरा दिन:- माता चंद्रघंटा 


4. ॐ देवी कूष्माण्डायै नमः- माता का यह चतुर्थ स्वरूप कुष्मांडा का अर्थ कू(छोटा), ऊष्म(ऊर्जावान) व अंडाकार अकृति की है। सृष्टि सृजन के लिए सूर्य के समान ऊर्जावान व सामर्थ्य रखने वाली माता को आयु, यश, उर्जा, विद्या व आत्मिय ज्योति का प्रतीक माना जाता है।

नवरात्रि का चौथा दिन:- देवी कुष्मांडा 


5. ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः- माता की यह पंचम स्वरूप स्कंदमाता(पद्मासना देवी) का अर्थ स्कंद(षडानन/कार्तिकेय) की माता । मान्यताओं के अनुसार तारकासुर राक्षस का अंत केवल शिव पुत्र द्वारा ही संभव था। इस राक्षस का वद्ध करने के लिए मां पार्वित ने अपने पुत्र स्कंद/कार्तिकेय(जिनका देखभाल कृतिका/सप्त ऋषि की पत्नियों ने किया) को जन्म दिया।

नवरात्रि का पांचवा दिन :- स्कंदमाता

6. ॐ देवी कात्यायन्यै नमः- माता का छठा स्वरूप देवी कात्यायनी जिसने कि त्रिदेवों के अपने तेज के अंश से महर्षि कात्यायन के घर जन्म लिया। महर्षि कात्यायन से पूजा अर्चना ग्रहण कर मां कात्यायनी ने महिषासुर नामक दानव का वध किया। माता का यह स्वरूप अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष, शक्ति और वीरता का प्रतिनिधित्व करती हैं।

नवरात्रि का छठा दिन:- माता कात्यायनी 

7. ॐ देवी कालरात्र्यै नमः- माता के इस सातवें स्वरूप देवी कालरात्रि(शुभंकारी) का अर्थ श्यामल रंग वाली व शुभ करने वाली माता हैं। देवी चंडिका शुंभ व निशुंभ द्वारा भेजे गए राक्षसों में सबसे शक्तिशाली दैत्य रक्तबीज के वध के लिए उनके शीर्ष भाग से उत्पन्न कालरात्रि के रौद्र रूप का अनोखा महत्व है। यह सभी प्रकार के भय, दुर्घटना, रोगों व व्याधियों तथा शत्रुओं का नाश करती हैं।

नवरात्रि का सातवां दिन:- माँ कालरात्रि 


8. ॐ देवी महागौर्यै नमः- आंठवा स्वरुप मां महागौरी जिसका अर्थ महा(महान) व गौरी(श्वेत वर्णों वाली) जो मां पार्वती की ही स्वरूप हैं को समर्पित है। अल्प आयु में ही भगवान शिव को अपने पति के रूप में स्वीकार करने के लिए हठ तपस्या करने के कारण भगवान शिव को प्रसन्न करती हैं। जिससे भगवान शिव ने गंगा के पवित्र जल से धूल कर उनको विद्युत के समान अत्यंत कांतिमान गौर वर्ण देते हैं। मां महागौरी को पवित्रता, करूणामयी, स्नेहमयी, शांत और मृदुलता का प्रतीक माना जाता है। 

नवरात्रि का आठवां दिन :- मां महागौरी


9. ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः- नवरात्र का यह नौवां व अंतिम स्वरूप मां सिद्धिदात्री जिसका अर्थ सिद्धि(अलौकिक शक्ति) व दात्री(देने वाली) है। 

मां सिद्धिदात्री को उनके अलौकिक शक्तियों, अणिमा, लघिमा, महिमा, प्राकाम्य, अमरत्व जैसे सिद्धियों के लिए पुजा जाता है। 

नवरात्रि का नौवां दिन :- मां सिद्धिदात्री


निष्कर्ष:- 

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