Election, Election Concept, and Importance , Fact Vatika

चुनाव प्रक्रिया क्या है?, चुनाव कैसे होता है?, इसके महत्व व तरीके समझें।

चुनाव एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया व लोकतंत्र का मूल आधार है, जो मुख्यतः किसी एक समाज से मनोनित प्रतिनिधि को चुनने के लिए आयोजीत किया जाता है। इस प्रतिस्पर्धा में विभिन्न विचारधाराओं वाले दल भाग लेते हैं जिनमें से जनता अपने मनपसंद दल के कार्यकर्ता को वोट के माध्यम से चुनकर बहुमत देती है। चुनाव के माध्यम से जनता द्वारा चुना गया प्रतिनिधि नागरिकों की आवश्यकताओं या मांगों को सरकारी नीतियों के माध्यम से पूरा करने या उसके लिए नियम कानून बनाने का काम करता है। 

Electric कैसे होता है?

सरकार को ज़िम्मेदार बनाए रखने व जनता के हितों के लिए चुनाव एक निरंतर प्रक्रिया है। इसके लिए कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार करते हैं जो चुनाव प्रक्रिया हो और भी सरल तरीके से समझने के लिए आवश्यक है।

1. राजनीतिक दल: किसी भी समाज के चुनाव में विभिन्न विचारधाराओं के दल अपने सबसे प्रबल उम्मीदवार को चुनाव के नामांकित करते हैं।


2. चुनाव प्रचार: वह प्रक्रिया जिसके माध्यम से राजनीतिक दल अपने चुनावी घोषणा पत्र के माध्यम से अपने उम्मीदवारों और समर्थकों के द्वारा चुनावी संदेशों जिसमें जनता के हितों के लिए अपनी नीतियों, उद्देश्यों, विकास योजना व सामाजिक न्याय व सुरक्षा के लिए अपनी प्लानिंग को रैली/सभा/प्रचार यात्रा/पोस्टर्स व मीडिया के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाने का काम करते हैं।


3. मतदान: मतदान वह प्रक्रिया है जिसमें जनता राजनीतिक दलों के नीतियों और घोषणा पत्र के माध्यम से निर्णय लेकर किसी एक उम्मीदवार को वोट देकर समाज की सारी वैधानिक जिम्मेदारियां सौंपती है। मतदान कराने की जिम्मेदारी एक निष्पक्ष समिति को दी की जाती है जो कि न्यायसंगत तरीके और चुनावी मापदंडों के अनुसार मतदान प्रक्रिया संपन्न कराती है और मतगणना के उपरांत विजेता घोषित करती है।


4. परिणाम और प्रदर्शन: सामान्यतः चुनाव खत्म होने के बाद Election Commission द्वारा मनोनीत प्रत्याशी या राजनीतिक दल सरकार बनाती है और अपने मैनिफेस्टो के अनुसार समाज कल्याण के लिए नीतियों व कानून का पालन करने का संकल्प लेती है। उस निश्चित समय काल के दौरान उस राजनितिक दल(सरकार) के कृत कार्यों और परिणाम के बाद ही जनता अगली बार उस प्रत्याशी या राजनितिक दल के मतदान करने का निर्णय लेती है।


भारत में मुख्य रुप से चार प्रकार की चुनाव प्रणालियां हैं:-


  1. लोकसभा चुनाव: यह चुनाव राष्ट्रीय स्तर पर होने वाला सबसे बड़ा चुनाव है जिसमें हर एक नागरिक को अपने क्षेत्र से एक प्रत्याशी 5 वर्षों के कार्यकाल के लिए चुनना होता है। संविधान के अनुसार संपूर्ण देश से कुल 530 उम्मीदवार प्रत्यक्ष रूप से, 20 उम्मीदवार केंद्र शासित प्रदेश और अन्य जगहों से जबकि 2 ट्राइबल रीजन से मनोनित किए जाते हैं। इन मनोनीत प्रत्याशियों बहुमत के द्वारा ही देश के कार्यवाहक मुखिया का सलेक्शन होता है।
  2. राज्यसभा चुनाव: भारतीय राष्ट्रीय संविधान के अनुसार प्रत्येक राज्य, क्षेत्र से राजनीतिक प्रतिनिधित्व करने के लिए, कानून प्रस्तावना, व संविधान संशोधन जैसे कार्यों पर विचार करने के लिए विधानसभा के प्रत्याशियों व राष्ट्रपति के द्वारा चुना जाने वाला प्रत्याशी (सांसद) होता है जिनका कार्यकाल 4 वर्षों का होता है।
  3. राज्य विधानसभा चुनाव: चुनाव की यह प्रणाली भारतीय राज्यों की प्रतिनिधित्व के लिए, स्थानीय कानून को बनाए रखने और नए नियमों का पालन कराने के लिए जिम्मेदारी देने वाला एक अहम चुनाव है। चुनाव के तहत मनोनीत प्रतिनिधि या उम्मीदवार सभी विकास योजना में सक्रिय भागीदारी लेता है और केंद्र सरकार के समकक्ष ही जिम्मेदारी लेता है। विधानसभा सीटों की संख्या राज्यों के अनुसार विभिन्न हो सकती है।
  4. पंचायती(स्थानीय) चुनाव: यह चुनाव स्थानीय स्तर पर होते हैं और उन्हें नगर पालिकाओं, नगर पंचायतों, गाँवों और ग्राम पंचायतों के लिए आयोजित किया जाता है। जो की ग्राउंड रियलिटी के साथ जनता के लिए स्थानीय स्तर पर प्रशासनिक शक्ति प्रदान करना, सरकार के द्वारा बनाए गए नए नियमों को पारित करना, आर्थिक विकास में प्रोत्साहन देने जैसे जिम्मेदारियों के लिए आयोजित किया जाता है।

मतदान के समय निम्नलिखित बिंदुओं पर विचार करना आवश्यक होता है:-

  • विकास कार्य को प्राथमिकता 
  • युवा समर्थन 
  • महिला सशक्तिकरण
  • रोजगार व शिक्षा
  • न्याय व पारदर्शिता 


Fact Vatika निष्कर्ष:-

  • चुनाव प्रक्रिया में नियमित सुधार करने की आवश्यकता है, जिससे ट्रांसपेरेंसी, न्याय, और समानता सुनिश्चित हो सके।
  • लोकतंत्रिक मूल्यों और संविधानिक अधिकारों की संरक्षण को महत्व दिया जाना चाहिए, ताकि देश में न्याय और संविधान की सबसे उच्चतम प्राथमिकता बने।
  • समाज के सभी वर्गों को समानता, न्याय, और सम्मान का अधिकार होना चाहिए। 
  • चुनावी प्रक्रिया में इस समानता को सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
  • चुनाव प्रक्रिया में अन्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में सहयोग करने की आवश्यकता है, ताकि समाज में न्याय और स्वतंत्रता की भावना बनी रहे।


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