विश्व विरासत दिवस कब और क्यों मनाया जाता है, 2024 की थीम क्या है, Fact Vatika
जैसा कि इस आर्टिकल के टाइटल से ही आपको पता चल गया होगा कि आज हम लोग विश्व विरासत दिवस के बारे में जानने वाले हैं विश्व विरासत दिवस कब और क्यों मनाया जाता है? और साथ में ही विश्व विरासत दिवस की 2024 की थीम क्या रहने वाली है? इन सब चीजों के बारे में हम लोग जानेंगे साथ ही हम लोग यहां पर कुछ मुख्य विश्व विरासत स्थल के बारे में जानेंगे जिनके बारे में आपको पता रहना चाहिए तो अगर आप लोग भी इन सब चीजों को अच्छे से समझाना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।
● विश्व विरासत दिवस क्या है (What is world Heritage day) :
विश्व विरासत दिवस, विश्व की सांस्कृतिक विरासत की विविधता को जागरूक करने और इसे भविष्य की पीढ़ियों के लिए संरक्षित करने के आवश्यक प्रयासों को लेकर एक दिन है जो प्रत्येक वर्ष 18 अप्रैल को मनाया जाता है। यह दिन हमें हमारी ऐतिहासिक इमारतों, प्राचीन स्थलों, और प्राचीन संस्कृतियों के महत्व को समझने का एक अवसर प्रदान करता है।
विश्व विरासत दिवस 2024 |
वाटिका फैक्ट :💡
➣ यह दिवस पहली बार संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) द्वारा 1983 ईस्वी में मनाया गया था। इसका उद्देश्य देश में सांस्कृतिक विरासत और विविधता के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना है।
➣ वर्ष 2024 वर्ल्ड हेरिटेज डे की थीम - Discover and experience diversity यानि 'विविधता की खोज और उसका अनुभव करना' है।
➣ भारत के पहले विश्व विरासत स्थल अजंता गुफाएं , एलोरा गुफाएं , आगरा किला और ताज महल थे, इन सभी को विश्व धरोहर स्थल के लिए 1983 ईस्वी में चयनित किया गया है।
भारत के कुछ प्रमुख विश्व विरासत स्थल ( Some of the Important World Heritage sites in India )
भारत में विश्व विरासत स्थलों की सूची में कई महत्वपूर्ण स्थल शामिल हैं, जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण स्थल इस प्रकार है ;
1. ताज महल (1983) Tajmahal : भारत के आगरा शहर में स्थित ताज महल, मध्यकालीन भारत की एक अद्वितीय कला का प्रकृति है और इसे विश्व की मध्यकालीन रचनाओं में से स्थापत्य कला के दृष्टिकोण से सर्वोत्तम माना जाता है।
➣ ताज महल का निर्माण शाहजहाँ द्वारा 1632 ईस्वी में शुरू हुआ, और मकबरे का निर्माण 1648 ईस्वी में पूरा हुआ ।
2. खजुराहो गुप्त मंदिर (1986) Khajuraho Temple : मध्य प्रदेश के खजुराहो में स्थित गुप्त कालीन हिंदू मंदिर विश्व की सबसे बड़ी धार्मिक स्थलों में से एक हैं, जो स्थापत्य और कला की उत्कृष्टता का प्रतीक है।
➣ खजुराहो के मंदिरों का निर्माण 950 ईसवीं से 1050 ईसवीं के बीच चन्देल राजाओं द्वारा किया गया।
3. अजंता की गुफाएं (1983) Ajanta Caves : महाराष्ट्र के अजंता में स्थित गुफाएं बौद्ध और हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण स्थल हैं, जो प्राचीन भारतीय कला और संस्कृति की श्रेणी में हैं।
➣ अजन्ता गुफाएँ औरंगाबाद ( महाराष्ट्र) में स्थित तकरीबन 29 चट्टानों को काटकर बना बौद्ध स्मारक गुफाएँ जो द्वितीय शताब्दी ई॰पू॰ के हैं। यहाँ बौद्ध धर्म से सम्बन्धित चित्रण एवम् शिल्पकारी के उत्कृष्ट नमूने मिलते हैं ।
➣ अजंता की गुफाओं का निर्माण वाकाटक वंश के राजा हरीसेन के शासन में किया गया था।
4. एलोरा की गुफाएं (1983) Alora Caves : एलोरा भारतीय पाषाण शिल्प स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना है । एलोरा एक पुरातात्विक स्थल है, जो भारत के महाराष्ट्र राज्य में स्थित है।
➣ ऐलोरा की गुफाओं का निर्माण राष्ट्रकूट वंश के शासकों द्वारा करवाया गया था।
5. कोणार्क सूर्य मंदिर (1984) Konark Sun Temple : यह सूर्य मंदिर भारतीय वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है और सूर्य भगवान के उपासना स्थल के रूप में प्रसिद्ध है।
➣ कोणार्क सूर्य मंदिर भारत के ओड़िशा के पुरी जिले में समुद्र तट पर, 13 वीं शताब्दी (1238 ईस्वी - 1264 ईस्वी ) में हुआ था। इस उत्कृष्ट मंदिर के निर्माण का श्रेय पूर्वी गंगवंश के राजा प्रथम नरसिंह देव को दिया जाता है।
6. हम्पी (1986) Hampi : हम्पी या विजयनगर मध्यकालीन हिंदू राज्य विजयनगर साम्राज्य की राजधानी थी। हम्पी 1336 ईस्वी से 1565 ईस्वी तक विजयनगर साम्राज्य की राजधानी थी। तुंगभद्रा नदी के तट पर स्थित यह नगर का नाम विश्व धरोहर स्थलों में है ।
उपरोक्त वर्णित ये स्थल भारतीय ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के महत्वपूर्ण अंग हैं, जो विश्व को भारतीय कला, संस्कृति, और धार्मिक विरासत की अनूठी धरोहर के प्रति अचंभित करते हैं । सांस्कृतिक विरासत हमारी पहचान का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो हमें हमारे इतिहास, धर्म, कला, और सामाजिक रूप से जोड़ता है। यह हमें हमारे पूर्वजों की विचारधाराओं और सांस्कृतिक परंपराओं को समझने में मदद करता है।
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निष्कर्ष ( Conclusion) :-
➣ विश्व विरासत स्थलों का महत्व अत्यंत महत्वपूर्ण है। ये स्थल हमें हमारी समृद्ध और विविध सांस्कृतिक विरासत को समझने और महसूस करने का मौका देते हैं। इन्हें संरक्षित और सजीव रखने के प्रति हमारी नैतिक जिम्मेदारी है, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियाँ भी इस धरोहर से प्रेरणा ले सकें ।
➣ इस विशेष दिन पर, हमें सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा के महत्व को समझने के साथ-साथ, उसे संरक्षित और सजीव रखने के लिए सच्चे मन से वचन लेना चाहिए। हमें इसे विनाश के खतरों से बचाने के लिए सक्रिय रूप से काम करना चाहिए, साथ ही सांस्कृतिक जीवन को समृद्ध और विविध बनाए रखने के लिए भी प्रेरित करना चाहिए। जिससे हमारी और समाज की समृद्धि को एक उचित आयाम की प्राप्ति हो सके ।
➣ उम्मीद है आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा होगा , अगर आपका कोई भी सुझाव है तो हमें नीचे कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं साथ ही इस आर्टिकल को अपने सभी दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें ताकि उन्हें भी विश्व विरासत दिवस के बारे में और उनके स्थलों के बारे में जानकारी हो। ऐसे ही आर्टिकल पढ़ने के लिए हमारे ऑफिशल वेबसाइट(Fact Vatika) पर जरुर विजिट करते रहें आर्टिकल पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।
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