World Labour Day 2024 , Its History , Importance and many more information, Fact Vatika

विश्व श्रमिक दिवस कब और क्यों मनाया जाता है? , इसका इतिहास , महत्व , पूरी जानकारी, 


नमस्कार दोस्तों, फैक्ट वाटिका के आज के इस नये लेख में आपका स्वागत है जो कि विश्व श्रमिक दिवस पर आधारित है। इस आर्टिकल के माध्यम से हम विश्व श्रमिक दिवस की शुरुआत, इतिहास तथा उससे सम्बन्धित अन्य प्रमुख बातों को विस्तार से जानेंगे।
World Labour day kab manaya jata hai
World Labour Day 2024



तो दोस्तों जैसा कि हमको पता है विश्व श्रमिक दिवस, जिसे अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस या मई दिवस के रूप में भी जाना जाता है, दुनिया भर में 1 मई को मनाया जाता है और यह दिन मजदूरों और श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा और उनके योगदान के सम्मान के लिए समर्पित है ।
लेकिन क्या इस दिन की शुरुआत के पीछे की एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को आप जानते है ? 

टेंशन नाट ! फैक्ट वाटिका के माध्यम से हम आपको इस दिवस के पीछे की उस घटना से रू-ब-रू कराएंगे जो उस समय उस दिन की यकीनन सबसे बड़ी घटना थी ।

दोस्तों, आइये फिर शुरू करते हैं विश्व श्रमिक दिवस के इतिहास का वह रोमांचक परंतु दर्दनाक सफर ।

विश्व श्रमिक दिवस का इतिहास (History Of World Labour Day )


● 19वीं शताब्दी के अंत में, औद्योगिक क्रांति के दौरान, श्रमिकों के लिए काम की परिस्थितियाँ अत्यंत कठिन और अमानवीय हो गई थीं। श्रमिक लंबे समय तक काम करते थे, अक्सर 12-16 घंटे तक, और उनके पास कार्य के दौरान सुरक्षा या उस कार्य करने का कोई लाभ नहीं था । इस समय, श्रमिकों ने अपने अधिकारों के लिए लड़ाई शुरू की जिसके बाद आठ घंटे के कार्य दिवस की मांग ने एक आंदोलन का रूप लिया।
● उसी आंदोलन के विस्तार के दौरान मई 1886 में, शिकागो के श्रमिकों ने आठ घंटे के कार्य दिवस के लिए हड़ताल की। 4 मई 1886 को, हेमार्केट स्क्वायर में एक प्रदर्शन के दौरान, पुलिस और श्रमिकों के बीच खूनी संघर्ष हुआ, जिसमें कई लोग मारे गए और घायल हुए। इस घटना को हेमार्केट कांड के नाम से जाना जाता है। इस घटना के बाद, श्रमिक आंदोलनों ने और भी जोर पकड़ा ।
इस घटना के तीन साल बाद 1889 में पेरिस में एक अंतरराष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन की बैठक हुई। जिसमे यह तय किया गया कि हर मजदूर से केवल दिन के 8 घंटे ही काम लिया जाएगा। इस सम्मेलन में ही 1 मई को मजदूर दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा गया । इसके अलावा 1 मई को छुट्टी देने का भी फैसला लिया गया। अमेरिका में श्रमिकों के आठ घंटे काम करने के नियम के बाद कई देशों में इस नियम को लागू किया गया। और इस तरह 1 मई को श्रमिक दिवस के रूप में अंतर्राष्ट्रीय मान्यता मिली।

भारत में मजदूर दिवस की शुरुआत (Labour Day Start In India )


दोस्तों जैसा कि हमने ऊपर देखा कि मजदूर दिवस की शुरुआत विश्व भर में कैसे हुई । लेकिन भारत में इसकी शुरुआत अमेरिका में मजदूर दिवस शुरू होने के 34 साल बाद, 1 मई 1923 को चेन्नई में हुआ जो कि लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान की अध्यक्षता में यह फैसला लिया गया । इस बैठक को कई सारे संगठनों और सोशलिस्ट पार्टियों ने अपना समर्थन दिया । 

वाटिका फैक्ट (Fact Vatika)

● भारत में मई दिवस या मजदूर दिवस को 'अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस', तमिल में 'उझोपलार नाल' और मराठी में 'कामगार दिवस' के रूप में मनाते हैं।

● 14 जुलाई 1889 को यूरोप में सोशलिस्ट पार्टियों की पहली अंतर्राष्ट्रीय कांग्रेस की बैठक में घोषित किए जाने के बाद, मई दिवस पहली बार 1 मई 1890 को मनाया गया था।

● अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस के बावजूद इसकी उत्पत्ति शिकागो में हेमार्केट मामले की स्मृति में हुई, कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका में श्रम दिवस सितंबर में पहले सोमवार को मनाया जाता है ।

● आस्ट्रेलिया के अलग - अलग प्रान्तों में मजदूरी दिवस अलग-अलग दिनों को मनाते हैं जैसे न्यू साउथ वेल्स में 7 अक्टूबर, क्वींसलैंड में 6 मई को, वैस्टर्न आस्ट्रेलिया में 4 मार्च को तथा विक्टोरिया में 11 मार्च को मनाया जाता है।

● भारत में पहला मई दिवस 1923 में द लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान द्वारा चेन्नई (मद्रास) में मनाया गया था।

विश्व श्रमिक दिवस का महत्व (Importance of World Labour Day )


मई दिवस को अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक आंदोलन का प्रतीक माना जाता है। यह दिन श्रमिकों के संघर्षों और उनके द्वारा प्राप्त अधिकारों को मान्यता देने के लिए है। इस दिन को श्रमिकों के संघर्षों, उनके अधिकारों और उनके योगदान को पहचानने के लिए मनाया जाता है। 

विश्व श्रमिक दिवस को मनाने के तरीके ( Way to celebrate World Labour Day )


इस दिन को विभिन्न रूपों में मनाया जाता है। कुछ देशों में यह राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाया जाता है, जहां परेड, रैलियाँ, और अन्य आयोजन होते हैं। श्रमिक संगठनों और यूनियनों के लिए, यह एक महत्वपूर्ण अवसर है जब वे श्रमिक अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाते हैं और श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए अपनी आवाज उठाते हैं।

समकालीन संदर्भ :

● आजकल, विश्व श्रमिक दिवस का महत्व अभी भी प्रासंगिक है। श्रमिकों के अधिकारों और उनके कल्याण के मुद्दे अब भी प्रमुख हैं, खासकर जब नई तकनीकों और आर्थिक मॉडल्स के प्रभाव से श्रमिकों के कार्यक्षेत्र में बदलाव आ रहा है। इस दिन, कई देशों में श्रमिक आंदोलन, यूनियनों, और उनके अधिकार संगठनों द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं ताकि श्रमिकों के अधिकारों और उनके योगदान को सम्मानित किया जा सके।

● इस प्रकार, विश्व श्रमिक दिवस श्रमिकों के लिए समर्पित एक महत्वपूर्ण दिन है, जिसमें उनके संघर्षों और उनके द्वारा प्राप्त अधिकारों को मान्यता दी जाती है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि श्रमिकों के अधिकार और उनके हितों की रक्षा के लिए सतर्क रहना चाहिए और उन्हें सशक्त बनाना चाहिए।

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निष्कर्ष (Conclusion)
 दोस्तों इस लेख से हमें यह सीखने को मिलता है कि हमें अपने अधिकारों के रक्षा के लिए हर प्रकार से प्रयास करना चाहिए और अपने खिलाफ हो रहे अन्यायों के खिलाफ मजबूती से आवाज उठाते हुए अपने अधिकारों को प्राप्ति तक संघर्षरत रहना चाहिए।
उम्मीद है आप लोगों को विश्व लेबर दिवस पर यह लेख ज्ञानवर्धक व प्रेरणादायक लगा होगा । आप इसे अन्य लोगों के साथ भी शेयर कर सकते हैं। ऐसे ही आर्टिकल पढ़ने के लिए Fact Vatika Website पर आते रहे। 

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