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 नमस्कार दोस्तों, फैक्ट वाटिका के आज के इस नये लेख में आपका स्वागत है जो कि विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस (World Press Freedom Day 2024) पर आधारित है। इस आर्टिकल के माध्यम से हम विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस की शुरुआत, इतिहास, थीम, तथा भारत के परिप्रेक्ष्य में उससे सम्बन्धित अन्य प्रमुख बातों को विस्तार से जानेंगे ।

● विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस हर साल 3 मई को मनाया जाता है। यह दिन प्रेस और मीडिया की स्वतंत्रता की रक्षा और संवर्धन के लिए समर्पित है। इसे संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1993 में अपनाया, लेकिन इसका इतिहास इससे भी पहले का है, तो दोस्तों आइए जानते हैं इसका रोचक इतिहास ‌।

World press freedom 2024 theme
World Press Freedom 2024


 विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस का इतिहास (History of World Press Freedom Day)

विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस की शुरुआत 1991 में विंडहोक डिक्लेरेशन (Windhoek Declaration) के साथ हुई। यह घोषणा अफ्रीका के विंडहोक (नामीबिया ) में एक यूनेस्को सम्मेलन में की गई थी। इस सम्मेलन का उद्देश्य था कि प्रेस स्वतंत्रता को प्रोत्साहित किया जाए और पत्रकारों के अधिकारों की रक्षा की जाए। इसके दो साल बाद, संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस घोषणा को स्वीकार करते हुए 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस घोषित किया।

 वाटिका फैक्ट 💡 

➢ रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स' पेरिस की एक अंतर्राष्ट्रीय गैर-सरकारी जो 1985 में स्थापित हुई । यह प्रत्येक वर्ष विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक जारी करती है।

➢ वर्ष 2024 में जारी प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत की स्थिति पिछले वर्ष की तुलना में दो स्थान की सुधार के साथ 180 देशों में 159वां हो गया हैं।

➢  वर्ष 2024 में जारी प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में, अफ्रीकी देश इरीट्रिया 180 देशों में आखिरी तथा नार्वे पहले पायदान पर काबिज है।

वर्ष 2023 में उत्तर कोरिया ने नीचे से टाॅप किया था इस बार यह देश तीन स्थान की सुधार के साथ 177वें स्थान पर है।

 विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस की थीम ( Theme of World Press Freedom Day) (2020-2024)

प्रत्येक वर्ष इस दिन के लिए एक विशेष थीम चुनी जाती है । जिसके द्वारा उस वर्ष विशेष के लिए प्रेस स्वतंत्रता के उद्देश्यों को एक आयाम दिया जाता है। पिछले पांच वर्षों की थीम निम्नलिखित हैं :

• 2020 के लिए थीम : "Journalism Without Fear or Favour" (डर या पक्षपात के बिना पत्रकारिता)

• 2021 के लिए थीम : "Information as a Public Good" (सार्वजनिक भलाई के रूप में जानकारी)

• 2022 के लिए थीम : "Journalism Under Digital Siege" (डिजिटल घेराबंदी के तहत पत्रकारिता)

2023 के लिए थीम : "Shaping a Future of Rights: Freedom of Expression as a Driver for All Other Human Rights" (अधिकारों के भविष्य को आकार देना : सभी अन्य मानवाधिकारों के लिए एक प्रेरक के रूप में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता)

• 2024 के लिए थीम : "A Press for the Planet : Journalism in the Face of the Environmental Crisis” (ग्रह के लिए प्रेस : पर्यावरण संकट के दौर में पत्रकारिता)


 भारत में प्रेस स्वतंत्रता की संवैधानिक स्थिति (Constitutional status of press freedom in India) :-

संविधान का अनुच्छेद 19 भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देता है, जो 'भाषण की स्वतंत्रता आदि के संबंध में कुछ अधिकारों के संरक्षण' से संबंधित है।


➢ अनुच्छेद 19 (1) (a) : बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, प्रत्येक नागरिक को भाषण, लेखन, मुद्रण, चित्र या किसी अन्य तरीके से स्वतंत्र रूप से विचारों और विश्वासों को व्यक्त करने का अधिकार प्रदान करता है।

प्रेस की स्वतंत्रता भारतीय कानूनी प्रणाली द्वारा स्पष्ट रूप से संरक्षित नहीं है, लेकिन यह संविधान के अनुच्छेद 19(1)(a) के तहत संरक्षित है, जिसमें कहा गया है- "सभी नागरिकों को भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार होगा"।

➢ वर्ष 1950 में सर्वोच्च न्यायालय ने रोमेश थापर बनाम मद्रास राज्य मामले में कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता सभी लोकतांत्रिक संगठनों की नींव है।

हालाँकि प्रेस की स्वतंत्रता भी पूर्ण रूप से नहीं है। यह अनुच्छेद 19(2) के तहत कुछ प्रतिबंधों का सामना करती है, जो इस प्रकार हैं-

भारत की संप्रभुता और अखंडता के महत्त्व से संबंधित मामले, राज्य की सुरक्षा, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध, सार्वजनिक व्यवस्था, शालीनता या नैतिकता या अदालत की अवमानना, मानहानि या किसी अपराध के लिये उकसाने के संबंध में प्रेस के स्वतंत्रता की सीमाएं हैं।

भारत में प्रेस स्वतंत्रता की वर्तमान स्थिति ( Current status of press freedom in India) :-

भारत में प्रेस स्वतंत्रता की स्थिति हालिया वर्षों में चिंता का विषय बनी हुई है। रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक के अनुसार, भारत की रैंकिंग 2023 में 161 वीं रही । हालांकि यह सूचकांक के विवादित नजरिए से देखा जा रहा है क्योंकि इसमें पाकिस्तान और तालिबान शासित अफगानिस्तान को भारत से बेहतर स्थिति प्राप्त है ‌। वैसे पत्रकारों पर हिंसा, सेंसरशिप, और मीडिया संगठनों पर सरकारी दबाव जैसे मुद्दे सामने आए हैं। डिजिटल निगरानी और गलत सूचना के बढ़ते प्रसार ने भी भारत में प्रेस स्वतंत्रता को चुनौती दी है।

विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस का महत्त्व (Importance of World Press Freedom Day) :-

इस दिन का मुख्य उद्देश्य प्रेस और मीडिया की स्वतंत्रता को बनाए रखना है। यह दिन पत्रकारों के अधिकारों और उनकी सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए है। यह एक ऐसा अवसर है जब हम उन पत्रकारों को याद करते हैं जो अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए मारे गए या धमकाए गए। इसके साथ ही, यह दिवस सरकारों को प्रेस की स्वतंत्रता का सम्मान करने के लिए भी प्रोत्साहित करता है।

 विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाने के तरीके ( Ways to Celebrate World Press Freedom Day) :-

दोस्तों ! हम विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस को कई तरीके से मना सकते हैं, जैसे - 

➢ सेमिनार और सम्मेलन : इस दिन मीडिया और पत्रकारिता के संबंध में विभिन्न कार्यक्रम और सेमिनार आयोजित किए जाते हैं।

➢ प्रकाशन और चर्चाएं : कई मीडिया संगठन और गैर-सरकारी संगठन इस दिन को समर्पित लेख और रिपोर्ट प्रकाशित करते हैं।

➢ पुरस्कार और सम्मान : कुछ संगठनों द्वारा उन पत्रकारों को सम्मानित किया जाता है जिन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दिया है।

➢ सोशल मीडिया अभियान : इस दिन सोशल मीडिया पर प्रेस स्वतंत्रता और पत्रकारों के अधिकारों के संबंध में अभियान चलाए जाते हैं।

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निष्कर्ष (Conclusion ) :-

विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस एक महत्वपूर्ण अवसर है जो हमें प्रेस और मीडिया की स्वतंत्रता के महत्व की याद दिलाता है। यह हमें यह सोचने का अवसर देता है कि हम कैसे प्रेस की स्वतंत्रता का समर्थन कर सकते हैं और उन पत्रकारों को सम्मानित कर सकते हैं जो अपनी जान जोखिम में डालते हैं। यह दिवस हमें यह भी याद दिलाता है कि स्वतंत्र और निष्पक्ष मीडिया लोकतंत्र का आधार है और हमें इसे सुरक्षित रखने के लिए एकजुट होना चाहिए। यह न केवल सूचना के प्रसार के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह अन्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ एक शक्तिशाली उपकरण भी है। हमें प्रेस स्वतंत्रता की रक्षा करने के लिए लगातार सतर्क रहना चाहिए और उन लोगों का समर्थन करना चाहिए जो इस अधिकार की रक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

➢ उम्मीद है कि आप को यह लेख ज्ञानवर्धक लगा होगा । लेख के संदर्भ में आप के सुझाव सादर अपेक्षित है । फैक्ट वाटिका की टीम आप के समक्ष गुणवत्तापूर्ण पाठन सामग्री प्रस्तुत करने के लिए प्रतिबद्ध है। लेख को आप अपने अन्य साथियों के साथ शेयर कर सकते हैं जिससे कि अधिकाधिक लोगों को प्रेस स्वतंत्रता से जुड़े तथ्यों और महत्वों के बारें में जानकारी प्राप्त हो सके । हमें यहां तक पढ़ने के लिए आप का दिल से आभार । 🙏🏼

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